Affiliated To: Veer Bahadur Singh Purvanchal University, Jaunpur
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उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना। उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्चतम नैतिक मूल्यों का विकास करना। छात्रों के साथ विश्वास एवं परस्पर सम्मान पर आधारित स्थायी सम्बन्ध बनाना। एक ऐसी संस्कृति का निर्माण एवं विकास करना जो जीवन में सुगमता, लचीलापन एवं समायोजन लाए। छात्रों का इस प्रकार से विकास करना जिससे वे प्रभावकारी ढंग से जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। शिक्षण एवं शोध में संसाधनों का अधिकतम उपयोग। महाविद्यालय की आधारभूत सुविधाओं का निरन्तर विकास करना। छात्र/छात्राओं को वातावरण, समाज तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। छात्र/छात्राओं में पढ़ाई एवं खेल के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करना।
राजबहादुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलालपुर, जौनपुर जनपद में उच्च शिक्षा का अग्रणी केन्द्र है। यह महाविद्यालय जौनपुर-खुटहन मार्ग पर जौनपुर नगर से 18वें किलोमीटर पर स्थित है। आस पास के गाँवों से यहां आने के लिए सड़क मार्ग से आवागमन की पर्याप्त सुविधा है। इस कारण से यह उच्च शिक्षा का एक सुगम एवं अति उत्तम केन्द्र माना जाता है। पिता के सपने को साकार करते हुए संस्थापक माननीय श्री सुभाष चन्द यादव ने 04 मार्च 1990 को इस महाविद्यालय की आधार शिला रखी। तत्पश्चात् 01 जुलाई 1991 से छः विषयों की सम्बद्धता के साथ इस महाविद्यालय में पठन-पाठन कार्य आरंभ हो गया। इसके पश्चात् स्नातक स्तर पर चार अतिरिक्त विषयों की शासन द्वारा मान्यता प्रदान की गई। वर्ष 1996 में महाविद्यालय को स्थायी सम्बद्धता मिलने के पश्चात् बी.एड. एवं तीन विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं भी शुरू हो गई। सन् 2000 से महाविद्यालय में बी.एस.सी. (गणित एवं जीव विज्ञान) की कक्षाएं प्रारम्भ हो गई। वर्तमान समय में महाविद्यालय में कला संकाय के दस विषयों, विज्ञान संकाय के पांच विषयों एवं शिक्षक-शिक्षा विभाग (बी.एड.) एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के क्रीन विषयों का अध्यापन कार्य निर्बाध गति से चल रहा है। यह महाविद्यालय वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है।
महाविद्यालय में पेय जल, बिजली, शिक्षण कक्ष के अतिरिक्त एक सुव्यवस्थित पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ खेल का मैदान एवं स्टेडियम आदि की सुविधा मौजूद है। छात्र/छात्राओं की सुविधा हेतु साईकिल स्टैण्ड तथा लड़कियों के लिए गर्ल्स कामन रूम की व्यवस्था है। यहाँ पर राष्ट्रीय सेवा योजना, रोवर्स रेंजर्स तथा स्काउट गाइड का प्रशिक्षण दिया जाता है। छात्र/छात्राओं के स्वास्थ्य की देखभाल एवं उपचार हेतु चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है। बी. एड. के छात्र/छात्राओं के लिए हॉस्टल सुविधा उपलब्ध है। महाविद्यालय में अनुशासन बनाए रखने के लिए अनुशास्ता मण्डल का गठन किया गया है जिसकी निगरानी एवं चौकसी से महाविद्यालय परिसर में अनुशासन व्यवस्था एवं शान्ति बनी रहती है।
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते। तत्स्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति ।। इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र कुछ भी नहीं है। उस ज्ञान को कितने ही काल से कर्मयोग के द्वारा शुद्ध अन्तःकरण वाला मनुष्य अपने आप ही आत्मा में पा लेता है। (श्रीमतद्भागवतगीता अध्याय-4)
राजबहादुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलालपुर, जौनपुर के संस्थापक माननीय श्री सुभाष चन्द यादव ने 04 मार्च 1990 को इस महाविद्यालय की स्थापना किया तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री मुलायम सिंह यादव जी द्वारा इसका शिलान्यास किया गया। संस्थापक जी के पिता स्वर्गीय राज बहादुर यादव जी क सपना था कि इस पिछड़े ग्रामीण अंचल में एक महाविद्यालय की स्थापना की जाय जिससे इस क्षेत्र के निर्बल एवं पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए अन्यत्र न जाना पड़े। उनके योग्य एवं कर्मठ माननीय सुभाष चन्द यादव ने अपने पिता के सपने को साकार करते हेतु क्षेत्रीय जनों के सहयोग से इस महाविद्यालय की स्थापना की। आज हजारों छात्र/छात्राएं इस संस्था से उच्च शिक्षा का लाभ पा रहे हैं। संस्थापक जी का यह कार्य उच्च कोटि का, अति उत्तम, सराहनीय एव समाजोपयोगी है। पूरा ग्रामीणाञ्चल संस्थापक जी के इस महान कार्य हेतु सदैव उनका ऋणी रहेगा।
यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि आप इस महाविद्यालय में प्रवेश लेने जा रहे हैं। मैं युवा वर्ग की आशाओं एवं आकाक्षांओं से भली-भाँति अवगत् हूँ। मैं प्रत्येक छात्र को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि आपके इस संस्था में प्रवेशोपरान्त हमारा सर्वप्रथम उद्देश्य होगा आपके चरित्र का सर्वांगीण विकास करना जिससे आपका भावी जीवन सफल, सुखी एवं समृद्ध हो । उच्च शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य है आपके उत्तम चरित्र एवं उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करना। इस संस्था में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के साथ छात्रों के भविष्य का निर्माण करना हमारा मुख्य ध्येय है। संस्था छात्रों की शैक्षिक उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है। आप छात्रों का कर्तव्य है कि इस महान उद्देश्य की प्राप्ति हेतु संस्था के साथ पूरा सहयोग करें। आपके लगन, परिश्रम, धैर्य एवं सहभागिता से ही उज्ज्वल भविष्य का सपना साकार होगा। युवा वर्ग इस राष्ट्र का आधार है। युवा वर्ग पढ़ेगा, बढ़ेगा तो राष्ट्र अपने आप आगे बढ़ेगा।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज बहादुर महाविद्यालय, गुलालपुर में प्रवेश लेने वाले छात्रों को मैं बधाई देता हूँ। उच्च शिक्षा युवा शक्ति को उचित दिशा एवं स्वरूप देने का एक सशक्त माध्यम है। इसी लिए शिक्षा को मानव संसाधन कहा जाता है। इस संस्था की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचल के आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से पिछड़े एवं कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करना है। इसके लिए योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित शिक्षकों के साथ-साथ महाविद्यालय में उच्च शिक्षा के मानक के अनुरूप सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस संस्था की मूल्यपरक एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से हजारों छात्र/छात्राएं लाभ उठा चुके हैं और वर्तमान में भी छात्र/छात्राए लाभान्वित हो रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि छात्र/छात्राएं इस संस्था की गरिमा बनाए रखने हेतु पढ़ाई में अथक परिश्रम के साथ अनुशासन एवं चारित्रिक मूल्यों का विकास करेंगे।
छात्रों के लिए सफेद शर्ट और काली पैण्ट तथा छात्राओं के लिए सफेद सलवार समीज एवं दुपट्टा पहनना अनिवार्य है। बी.एड. छात्रों को सफेद पैण्ट-शर्ट तथा छात्राओं के लिए लाल बार्डर की सफेद साड़ी पहनना अनिवार्य है।
सभी कक्षाओं में छात्र एवं छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति व्याख्यान एवं प्रयोगात्मक कार्यों में अनिवार्य है जिसके अभाव में छात्र/छात्रा को विश्वविद्यालय की परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं प्रदान की जाएगी।
महाविद्यालय में उच्च स्तरीय अध्ययन एवं शोध के लिए आधुनिक पुस्तकों एवं शोध पत्रिकाओं, समाचार पत्र पत्रिकाओं से सुसम्पन्न पुस्तकालय एवं वाचनालय छात्र/छात्राओं के लिए उपलब्ध है। पुस्तकालय प्रतिदिन पुस्तकालयाध्यक्ष श्री एम.पी. सिंह एवं सहयोगियों की उपस्थिति में 10 बजे सुबह से सायं 4 बजे तक खुला रहता है। महाविद्यालय में प्रवेश के बाद प्रवेश शुल्क रसीद प्रस्तुत करने पर पुस्तकालय से कार्ड जारी होता है जिसके माध्यम से परिचय पत्र के साथ छात्र को स्वयं पुस्तकालयाध्यक्ष के सामने प्रस्तुत होकर पुस्तकें प्राप्त करनी होती हैं। पुस्तके 15 दिन के लिए दी जाती हैं। समय से वापस न करने पर छात्र एवं छात्र को अर्थदण्ड भरना होगा।
अन्तर्महाविद्यालयीय तथा विश्वविद्यालीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए जाते हैं।
महाविद्यालय में क्रीड़ा परिषद के अन्तर्गत खेल-कूद के सामान है। छात्र एवं छात्राएं विभिन्न खेलों का अभ्यास करते हैं तथा
महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की पांच इकाइयाँ कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने हेतु छात्र एवं छात्राएं सम्बन्धित कार्यक्रम अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
रोवर्स एवं रेंजर्स दल के गठन का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों में सेवा भावना एवं संगठन की कुशलता उत्पन्न करना। इस दल में 18 से 21 वर्ष के छात्र एवं छात्राएं सम्मिलित हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में प्रवेश और प्रशिक्षण सम्बन्धी जानकारी रोवर्स एवं रेंजर्स अधिकारी से प्राप्त हो सकती है।
महाविद्यालय में साइकिल स्टैण्ड की व्यवस्था है। छात्र एवं छात्राओं को अपनी साइकिल एवं मोटरसाइकिल, साइकिल स्टैण्ड में निर्धारित स्थान पर रखना आवश्यक है। साइकिल में मजबूत ताला लगाना अनिवार्य है।
महाविद्यालय में अनुशासन बनाए रखना प्रत्येक छात्र एवं छात्रा का कर्तव्य है। छात्रों से अपेक्षा है कि वे परिसर में संयमित आचरण करें तथा महाविद्यालय परिसर में स्थित किसी भी वस्तु को किसी प्रकार की क्षति न पहुँचाएं। छात्र एवं छात्राएं आपस में सौहार्दपूर्ण आचरण करें। महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों से सम्मानजनक व्यवहार करें तथा अवसर मिलने पर महाविद्यालय के कार्यों में सहयोग करें। उनसे यह भी अपेक्षा है कि वे अच्छे नागरिक बनें और समाज के लिए उपयोगी बनें।
महाविद्यालय के समस्त अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने पाल्य के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी रखें। छात्रों के विकास तथा महाविद्यालय के विकास हेतु अभिभावकों का सहयोग एवं समर्थन आवश्यक है। अपनी सुविधा के अनुसार। अभिभावक महाविद्यालय में आकर अपनी बात एवं दृष्टिकोण रख सकते हैं।
(HOD) M.Ed, PhD
( M.Ed, NET)
( MA (Edu), NET)
( M.Ed, NET)
( M.Ed, NET)
( M.Ed, NET)
( M.Ed, NET, PhD)
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